वोडाफोन की खुली पोल, ग्राहकों को लूटने के लिए अपनाया यह नया हथकंडा


एक समय में वोडाफोन काफी काफी प्रतिष्ठित और नामी टेलीकॉम कंपनी मानी जाती थी। क्यूंकि उस समय यह अपने ग्राहकों को बहुत अच्छी सेवाएं देती थी, हालाँकि इसकी सेवाएं अन्य कंपनियों से महंगी हुआ करती थी। लेकिन फिर भी लोग वोडाफोन को पसंद करते थे क्यूंकि वह कभी अपने ग्राहकों को शिकायत मौक़ा नहीं देती थी।
लेकिन जियो के आने के बाद वोडाफोन जैसी कंपनियों का असली चेहरा सामने आ गया, यह केवल महंगी-महंगी सेवायें देकर आम ग्राहकों को लूट रही थी। और यह ग्राहकों को जियो के आने के बाद पता लगा है। जियो के आते है वोडाफोन जैसी कंपनियों की हालत खराब हो गई और जिस परम्परागत तरीके से वोडाफोन ने लूट मचा रखी थी जियो के आने के बाद वह लूट बंद हो गई, जिससे वोडाफोन का धंधा चौपट हो गया। जियो के आने से वोडाफोन का धंधा पूरी तरह से ढप हो गया था, क्यूंकि ग्राहक वोडाफोन को छोड़ कर जियो को इस्तेमाल करने लगे, जिससे वोडाफोन को भारी नुक्सान झेलना पड़ने लगा। तभी वोडाफोन ने एक नया तरीका भी ढूंढ निकाला और जियो के जैसे ही रिचार्ज की स्कीम ग्राहकों को देने लगा, ताकि ग्राहकों को लालच देकर फिर से अपनी तरफ लाया जाए। लेकिन इसमें भी वोडाफोन की घिनौनी चाल सामने आ गई।
वोडाफोन भले ही जियो की जैसी ही स्कीमें क्यों न दे, लेकिन इसके पीछे भी उसकी एक चाल छुपी हुई है। जियो की स्कीम के अंतर्गत अगर आपको रोज़ाना का 1 जीबी, 1.5 जीबी या 2 जीबी मिल रहा हो तो आप उसको पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं यानी आपको मिलने वाला डाटा आप पूरा इस्तेमाल करके ख़त्म कर सकते हैं। लेकिन वोडाफोन अगर आपको रोज़ाना का 1 जीबी, 1.5 जीबी या 2 जीबी दे रहा हो तो आप उसको पूरा इस्तेमाल करके ख़त्म नहीं कर सकते हैं। अगर आप यह सोचते होंगे कि शायद वोडाफोन के इंटरनेट की स्पीड अच्छी नहीं रहती होगी, जिसके कारण पूरा डाटा उपयोग में नहीं आता होगा, तो आप ग़लत हैं। दरअसल वोडाफोन के इंटरनेट की स्पीड ख़राब नहीं है, जब आप वोडाफोन में डाटा पैक रिचार्ज करा के इसको इस्तेमाल करेंगे तो आपको ऐसा बिलकुल भी एहसास नहीं होगा कि वोडाफोन के इंटरनेट की स्पीड सुस्त है।
वोडाफोन की असल चाल ग्राहकों को बेवकूफ बनाने के लिए यह है कि जब कोई ग्राहक वोडाफोन में डाटा पैक रिचार्ज कराता है तो उसको बहुत अच्छी इंटरनेट की स्पीड मिलती है। लेकिन यह स्पीड एक सीमा तक होती है, आपको मिलने वाले रोज़ाना के इंटरनेट डाटा का अगर इतना हिस्सा आप इस्तेमाल कर लें जिससे लगने लगे कि आप अब आपको मिला इंटरनेट का पूरा डाटा इस्तेमाल करके ख़त्म कर देंगे, तो ऐसे में कम्पनी आपके इंटरनेट की गति को सुस्त कर देती है, जिससे आप अपना पूरा डाटा नहीं इस्तेमाल कर पाएंगे। उदहारण के लिए जैसे आपने किसी स्कीम के अंतर्गत वोडाफोन में रिचार्ज कराया हो और आपको 1 जीबी मिला हो या रोज़ाना का 1 जीबी मिलता हो तो अगर आप उसमें से 100 या 200 एमबी का उपयोग करेंगे तो इंटरनेट की स्पीड अच्छी होगी, लेकिन जैसे ही आप 500 या 600 एमबी इस्तेमाल की तो कंपनी को लगने लगता है कि अब आप पूरा एक जीबी इस्तेमाल कर लोगे तो कंपनी फ़ौरन आपके इंटरनेट की स्पीड को गिरा देगी, जिससे आप अपना पूरा डाटा नहीं उपयोग कर पाएंगे। तो वोडाफोन कुछ इस तरह से आजकल ग्राहलों को बेवकूफ बना रही है। बहुत ग्राहकों को इन सब के बारे में नहीं पता है, लेकिन यह एक सच्चाई है वोडाफोन अपने ग्राहकों के इंटरनेट की स्पीड ख़राब कर देता है, जैसे ही उसको लगता है कि अब ग्राहक अपना पूरा डाटा इस्तेमाल करके ख़त्म कर देगा, जो उसको स्कीम के अंतर्गत मिला है। वोडाफोन वाले नहीं चाहते हैं ग्राहकों को मिलने वाले इंटरनेट के डाटा को ग्राहक अपने अधिकार से पूरा इस्तेमाल कर सकें।
तो वोडाफोन की यह घिनौनी पोल भी खुल गई कि वह किस तरह अपने ग्राहकों को पूरा डाटा इस्तेमाल करने से रोकती है। यह एक तरह से वोडाफोन की ओर से डाटा चोरी है।

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